अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए | Ashwagandha ke fayde for male

अश्वगंधा शारीरिक बल को बढ़ाने के लिए एक असरदार औषधि है. इसको भारत का जिनसेंग कहा जाता है. आयुर्वेद में अश्वगंधा को रसायन कहा जाता है. रसायन का अर्थ है बलवर्द्धक, वीर्यवर्द्धक और ओजवर्द्धक औषधि. पुरुषों के लिए अश्वगंधा के फायदे बहुत सारे हैं. अश्वगंधा को पौरुष शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के रूप में जाना जाता है. यह पुरुषों में शुक्राणुओं और वीर्य की quality को बढाता है. अश्वगंधा पुरुषों की यौन क्षमता में सुधार लाता है. साथ ही पाचन, ह्रदय, दिमाग सम्बन्धी रोगों को दूर करता है. महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढाता है. आईये जानते हैं अश्वगंधा के फायदे हिंदी में

अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए | Ashwagandha ke fayde in hindi

  • दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और एक ग्राम पिप्पली का चूर्ण लें. इसमें 2 ग्राम मिश्री अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण को शहद या देसी गाय के घी के साथ लेने पर शारीरिक बल बढ़ता है. किसी भी बीमारी से हुई कमजोरी में यह नुस्खा अत्यंत लाभदायक है.
  • 3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 2 ग्राम गिलोय चूर्ण में मिलाकर तैयार किये गए चूर्ण को रात को सोते समय गुनगुने दूध के साथ लेने पर सभी तरह की शारीरिक कमजोरी दूर होती है.
  • पुरुषों में गठिया हो जाने पर 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को सुबह खाली पेट दूध के साथ लेने पर 2 महीने में गठिया से आराम मिल जाता है.
  • अधिक शारीरिक श्रम करने वाले पुरुषों को अश्वगंधा 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण 5 ग्राम मिश्री के चूर्ण के साथ गर्म दूध के साथ लेना चाहिए.

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शक्ति के लिए अश्वगंधा
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  • पुरुषों में किसी भी प्रकार के हार्मोन असंतुलन की अवस्था में 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण 5 ग्राम मिश्री मिलकर दूध के साथ लेना चाहिए.
  • 50 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण, 100 ग्राम तिल और 600 ग्राम मूंग लें. तीनों को दरदरा पीसकर मिश्रण बना लें. इस मिश्रण को लौकी के जूस से पेस्ट बना लें. उसके बाद 20-30 ग्राम की मात्रा लेकर मिश्रण के बड़े बना लें. इन बड़ों की सब्जी रोज़ खाने पर कमजोरी दूर होती है.
  • अश्वगंधा की जड़ का बारीक चूर्ण लें. इस चूर्ण में थोड़ा सा चमेली का तेल मिलाकर रोज रात को लिंग पर हलकी मालिश करें. कुछ दिन स्त्री संसर्ग से दूर रहे. कुछ ही दिनों में लिंग की शिथिलता ठीक हो जाएगी.

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ | ashwagandha ke fayde

  • 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण लें. इसमें 5-10 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिला लें. रोज रात को सोते समय गुनगुने दूध के साथ इस मिश्रण को लेने पर ल्यूकोरिया की शिकायत दूर होती है.
  • 50 ग्राम अश्वगंधा, 100 ग्राम तिल तथा 200 ग्राम उड़द लेकर अच्छी तरह पीस-छान कर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण में 100 ग्राम गुड तथा 100 ग्राम घी मिलाएं. तैयार मिश्रण के लड्डू बना लें. इन लड्डुओं का सुबह शाम सेवन करने पर ल्यूकोरिया की समस्या ठीक होती है.
ल्यूकोरिया के लिए अश्वगंधा
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  • 20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण लें. 250 ग्राम दूध को 1 लीटर पानी में मिलाएं, दूध और पानी के मिश्रण में 20 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण मिलकर हलकी आंच पर पकाएं. जब पकते-पकते केवल दूध शेष रह जाये, तो इसमें 10-10 ग्राम मिश्री और गाय का घी मिला लें. इस मिश्रण को मासिक धर्म बंद होने के बाद 3 दिन तक लें. यह बच्चेदानी को मजबूत करता है और गर्भधारण में मदद करता है.
  • 2-4 ग्राम अश्वगंधा रोग गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से योनि संक्रमण में लाभ मिलता है.

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अश्वगंधा के फायदे | Ashwagandha ke fayde

  • अश्वगंधा एंटीओक्सिडेंट से भरपूर होता है. इसलिए यह शरीर में होने वाले क्षय को रोककर शरीर स्वस्थ रखने में मदद करता है.
  • पाचन तंत्र कमजोर पड़ने पर अश्वगंधा चूर्ण 2 ग्राम, सौंठ 2 ग्राम और मिश्री 5 ग्राम गुनगुने पानी से लेने पर लाभ मिलता है.
  • अश्वगंधा के सेवन से शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है.
  • अश्वगंधा की जड़ के चूर्ण से थायरोइड नियंत्रण में रहता है.
  • अश्वगंधा तंत्रिकातंत्र को मजबूत बनाता है.
  • 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने पर असमय बालों के सफ़ेद होने की समस्या ठीक होती है.
  • अश्वगंधा चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सुबह और शाम लेने पर कब्ज़ की समस्या ठीक होती है.
कब्ज़ के लिए अश्वगंधा
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  • 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में 2 ग्राम बहेड़ा का चूर्ण मिला लें. रात को सोते समय इस मिश्रण को 10 ग्राम गुड के साथ खाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं.
  • अश्वगंधा की जड़ के चूर्ण में तिलों का चूर्ण मिलाएं. इस मिश्रण को घी या शहद के साथ लेने पर कमजोरी ठीक होती है.
  • अकेली अश्वगंधा –
    • बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज
    • पेट की चर्बी कम करने का आयुर्वेदिक उपाय
    • स्त्री की कामोत्तेजना बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
    • सर्दी-जुकाम की आयुर्वेदिक दवा
    • कब्ज की आयुर्वेदिक दवा
    • कामशक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
    • शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक इलाज
    • घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक
    • सीने में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
    • गैस और कब्ज की आयुर्वेदिक दवा
    • लो ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक उपचार
    • गर्भाशय का आयुर्वेदिक इलाज
    • महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
    • शरीर में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज
    • लिकोरिया का आयुर्वेदिक इलाज
    • मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार
    • शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक उपचार है. किसी योग्य वैद्य की सलाह से अगर अश्वागंधा का सेवन किया जाये, तो उपरोक्त सभी बीमारियों और समस्याओं में अश्वगंधा रामबाण का काम करती है.

अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे

शिलाजीत पहाड़ों पर पाई जाने वाली एक काले रंग की औषधि है. आयुर्वेद में शिलाजीत को ताकत का खजाना माना जाता है. शिलाजीत और अश्वगंधा मिलाकर सेवन करने से शरीर सभी रोगों से मुक्त होकर ताकतवर और सुडौल बनता है. दरअसल अश्वगंधा और शिलाजीत के लाभ लगभग एक जैसे ही हैं. इनको लेने का तरीका भी लगभग एक सा ही है. जब इन दोनों को मिलकर सेवन किया जाता है तो इनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. शिलाजीत और अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए तो बहुत सारे हैं, महिलाएं भी शिलाजीत और अश्वगंधा के सेवन से लाभ उठा सकती हैं. आजकल बाज़ार में शिलाजीत और अश्वगंधा के मिश्रण से बनी टेबलेट और कैप्सूल उपलब्ध हैं, जिन्हें दिन में 2 से 3 बार लेने पर सम्पूर्ण स्वस्थ रहा जा सकता है.

अश्वगंधा के नुकसान

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है. इसके कोई भी नुकसान या साइड इफेक्ट्स नहीं हैं. लेकिन अश्वगंधा एक नियत मात्रा से अधिक नहीं लेना चाहिए. अश्वगंधा रोज़ 3 से 4 ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए. यदि लेना पड़े तो पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए.

इस article में आपने जाना अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए क्या हैं. जल्द ही अश्वगंधा पर हम और भी article लेकर आयेंगे.

अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए

3 से 4 ग्राम अश्वगंधा 45 दिनों तक लिया जा सकता है. उसके बाद कम से कम 15 दिनों तक अश्वगंधा को बंद कर देना चाहिए. 15 दिन बाद फिर से 45 दिनों तक सेवन कर सकते हैं.

अश्वगंधा कैप्सूल कब खाना चाहिए

अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन बवासीर, पेट के रोग, स्त्री की कामोत्तेजना बढ़ाने, सर्दी-जुकाम, कब्ज, पुरुषों में कामशक्ति बढ़ाने, शीघ्र स्खलन, गठिया, सीने में दर्द, लो ब्लड प्रेशर, गर्भाशय और मासिक धर्म साफ़ करने, शरीर में गांठ, लिकोरिया, मांसपेशियों में दर्द आदि के आयुर्वेदिक उपचार के रूप में करना चाहिए.

अश्वगंधा और दूध का सेवन से क्या होता है

अश्वगंधा और दूध के सेवन से ल्यूकोरिया की शिकायत दूर होती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है, हार्मोन असंतुलन ठीक होता है, कब्ज़ दूर होता है, गठिया ठीक होता है व शारीरिक कमजोरी दूर होकर शरीर का बल बढ़ता है.

अश्वगंधा किस काम में आता है

अश्वगंधा बवासीर, पेट के रोग, स्त्री की कामोत्तेजना बढ़ाने, सर्दी-जुकाम, कब्ज, पुरुषों में कामशक्ति बढ़ाने, शीघ्र स्खलन, गठिया, सीने में दर्द, लो ब्लड प्रेशर, गर्भाशय और मासिक धर्म साफ़ करने, शरीर में गांठ, लिकोरिया, मांसपेशियों में दर्द आदि के आयुर्वेदिक उपचार के काम में आता है.

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