दूध नवजात शिशु से लेकर युवावस्था तक शरीर को सबल बनाने के साथ रोगी मनुष्य को भी रोग मुक्त कर देता है.
दूध से शक्ति प्राप्त करने के अलावा कई रोगों को भी ठीक किया जा सकता है. इसके लिए दूध पीने का सही तरीका पता होना चाहिए.
रोगियों, बच्चों और दिमाग का काम करने वाले वयस्कों को गाय और बकरी का दूध ही पीना चाहिए. भारत की देसी गाय का दूध सात्विक होता है. यह जल्दी हजम भी हो जाता है.
रोगी को हर 2 घंटे पर थोड़ा थोड़ा दूध देना चाहिए, जिसको रोगी पचा सके. गंभीर रोगी को 50 ग्राम से 100 ग्राम तक दूध एक बार में देना चाहिए.
दूध में कोई दवाई या पोषक तत्त्व या हल्दी मिलाकर भी पिला सकते हैं. गर्मियों में पका आम, पतली दाल आदि दिन में एक बार ले सकते हैं
केवल दूध से पुराना बुखार, बदहजमी, लीवर के रोग, खून में इन्फेक्शन, एसिडिटी, दिमागी कमजोरी, आँखों के रोग, सिरदर्द, मानसिक रोग, मोटापा आदि रोग सिर्फ दूध से ठीक हो जाते हैं.
स्वस्थ व्यक्ति को रात्रि को सोते समय एक गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी तथा 2 ग्राम दालचीनी का पाउडर डालकर उबाल लेना चाहिए. उसमे गुड या शक्कर मिलाकर प्रकृति के अनुसार गर्म या ठंडा पीना चाहिए.