शिवाम्बु चिकित्सा में काम आने वाले स्वमूत्र को 'शिवाम्बु कल्प' भी कहा जाता है.
आयुर्वेद में 'मानव - मूत्र' को विष को हरने वाला और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला कहा गया गया है।
आइये जानते हैं शिवाम्बु चिकित्सा के लाभ
शिवाम्बु चिकित्सा घरेलू इलाज की तरह सरल, बिना किसी खर्च और बिना किसी खतरे के की जा सकती है।
बीमारी में इलाज के लिए किसी डॉक्टर की मदद या अन्य किसी दवा, इंजेक्शन, खून की जांच आदि की आवश्यकता नहीं।
शिवाम्बु चिकित्सा से घाव जल्दी सूख और भर जाते हैं। भीतरी चोट के कारण मोच आ जाने या सूजन के दर्द में भी जल्द आराम होता है।
साँप, बिच्छू, पागल कुत्ते आदि के काटने पर विष चढ़ने या अफीम आदि नशीले पदार्थ खाने से चढ़े जहर के प्रभाव को दूर करने में शिवाम्बु चिकित्सा से बहुत लाभ होता है।