इस लेख में हम गुर्दे में पथरी के लक्षण, गुर्दे में पथरी के कारण और गुर्दे में पथरी के इलाज और गुर्दे की पथरी के लिए 10 प्रमुख औषधि के बारे में जानेंगे।
गुर्दे की पथरी
आज से 50 साल पहले गुर्दे में पथरी होना बहुत छोटी बात थी। लेकिन आज गुर्दे में पथरी की बीमारी होना बहुत आम बात हो गई है। आज अस्पतालों में हर दिन कई ऑपरेशन गुर्दे की पथरी के होते हैं। यह बीमारी इतनी आम हो गई है कि किसी को भी हो सकती है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि गुर्दे में पथरी के लक्षण, गुर्दे में पथरी के कारण और गुर्दे में पथरी के इलाज के बारे में सभी लोगों को पता हो ।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
गुर्दे की पथरी के लक्षण निम्न हैं –
- पेशाब में दर्द: पेशाब के दौरान गुर्दे की पथरी के साथ दर्द होता है, जो कभी-कभी बहुत तेज होता है।
- पेशाब के साथ रक्त: पेशाब के साथ कुछ स्पष्ट रूप से दिखने वाले रक्त के साथ पथरी होने के संभावना होती है।
- उल्टी: गुर्दे की पथरी से उल्टी आने की संभावना होती है।
- पेट में दर्द: पथरी अक्सर पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण बनती है, जो कभी-कभी पीठ तक फैल सकता है।
- अधिक पेशाब के इच्छा: पथरी के साथ अधिक पेशाब के इच्छा होती है, जो आमतौर पर रात के समय ज्यादा होती है।
गुर्दे की पथरी के कारण
गुर्दे की पथरी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण हैं:
- कम मात्रा में पानी पीना
- यूरीन में केमिकल की अधिकता
- शरीर में मिनरल्स की कमी
- डिहाइड्रेशन
- विटामिन डी की अधिकता
- जंक फूड का अति सेवन
गुर्दे की पथरी के नुकसान
गुर्दे की पथरी से निम्न नुकसान की संभावना होती है :
- गुर्दे की पथरी के साथ कभी कभी सामान्य और कभी कभी असहनीय दर्द हो सकता है।
- गुर्दे की पथरी से गुर्दे या किडनी में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
- गुर्दे की पथरी से पेशाब का रास्ता ब्लॉक हो सकता है। पेशाब के रास्ते की रुकावट आपके पेट के निचले हिस्से और कमर में असहनीय दर्द का कारण बन सकता है। यह दर्द एक लहर के रूप में आता है।
- बड़ी पथरी गुर्दे में फँस जाने से गुर्दे की संरचना को नुकसान पहुँच सकता है जो बाद में गुर्दे के विफल होने के कारण बन सकता है।
- यदि लंबे समय तक पथरी गुर्दे में रहे तो गुर्दे की संरचना खराब होने से गुर्दे भी खराब हो सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपचार
- पानी की मात्रा बढ़ाएं: दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे गुर्दे में पथरी बनने की संभावना कम होती है और मूत्र संबंधी समस्याएं भी नहीं होती हैं।
- खाने में लाल मिर्च शामिल करें: लाल मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन नामक एक तत्व गुर्दे के पास की नसों को खोलने में मदद करता है। इससे गुर्दे से पथरी को निकालने में मदद मिलती है।
- तुलसी का इस्तेमाल करें : तुलसी के पत्तों को पीसकर उनसे रस निकालें और उसमें शहद मिलाकर पीएं। यह गुर्दे से पथरी को निकालने में मदद करता है।
- अदरक का इस्तेमाल : अदरक गुर्दे की पथरी के उपचार में उपयोगी होता है। इसे कुछ टुकड़ों में काटकर शहद के साथ मिलाकर खाएं।
- गेंहू के ज्वारे का उपयोग : गेंहू के ज्वारों को पीसकर इसे ताजा खाली पेट पियें। कुछ दिन के इस्तेमाल से पथरी निकल जाती है।
गुर्दे की पथरी के लिए 10 प्रमुख औषधि
यदि आपको गुर्दे में पथरी से संबंधित उपरोक्त लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपचार भी अपना सकते हैं। इसके अलावा अपने निकटतम वैद्य की सलाह से गुर्दे की पथरी की आयुर्वेदिक औषधि भी ले सकते हैं। यहाँ नीचे गुर्दे की पथरी के लिए 10 प्रमुख औषधि के नाम दिए हैं। योग्य वैद्य की सलाह से इन्हें जरूर आजमाएं –
- पुनर्नवा
- शिलाजीत
- गोखरू
- वरुणादि वटी
- पाषाणभेद (पत्थर चट्टा)
- हल्दी
- धनिया
- जीरा
- सोंठ
- त्रिफला
गुर्दे की पथरी में परहेज
यदि आपको गुर्दे की पथरी के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत निम्न परहेज शुरू कर देने चाहियें-
- रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पियें। पानी गुर्दों में मौजूद तापमान को कम करने में मदद करता है और पथरी को बढ़ने से रोकता है।
- चाय, कॉफी और शराब से दूर रहें। इन चीजों से पथरी के बनने के खतरे को बढ़ाता है।
- नियमित पौष्टिक आहार लें। पौष्टिक आहार से आपकी किडनी नियमित रूप से साफ होती रहेगी। पौष्टिक आहार से आपके शरीर के पोषण के साथ-साथ पथरी के बनने से भी रोका जा सकता है।
- स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन न करें – धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से आपके शरीर में विजातीय तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिन्हें बाहर करने में शरीर को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। ऐसे में आपके गुरे में पथरी बढ़ने लगती है।
- जंक फूड के सेवन से बचें। जंक फूड के सेवन से आपके शरीर में विजातीय तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिन्हें बाहर करने में शरीर को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। ऐसे में आपके गुर्दे में में पथरी बनने और तेजी से बढ़ने की संभावना पैदा हो जाती है।