दवा के अभाव में कोई बीमार रहे तो बात समझ में आती है। परन्तु घर में ही अमृत हो और वह डॉक्टरों के पास अपना पैसा बर्बाद करता रहे, तो यह दुर्भाग्य ही है। हमारे स्वास्थ्य के लिए अमृत हमारे घर में ही तो है। वह है गर्म पानी। आइये देखते हैं गर्म पानी पीने के फायदे (benefits of drinking hot water).
स्वास्थ्य के लिए पानी का महत्व
जिसे हम एक तुच्छ वस्तु समझ बैठे हैं, वास्तव में वही तो अमृत है! पानी के अपरिमित महत्व से अभी हम अछूते ही हैं। कम लोग जानते हैं कि पानी और केवल पानी में ही विष गलाने एवं उसे शरीर से बाहर निकालने की अपूर्व क्षमता होती है तथा कोई भी स्वास्थ्य योजना इस कार्य के बिना सफलता प्राप्त नहीं कर सकती। तो आईए इस अमृत को अपनाकर विकराल रूप धारण कर रही बीमारियों के साम्राज्य को ध्वस्त कर दें एवं बिना लगाम बढ़ रहे दवाईयों के अम्बार को उसकी सही जगह दिखा दें।
दवा के रूप में गर्म पानी
आधे से एक कप (लगभग 50 से 100 मि. लि.) उबला पानी लें। इसे थोड़ा ठण्डा होने दें। चाय की तरह जितना गर्म आप लेते हैं, उस ताप पर पहुंचने पर बहुत धीरे-धीरे पिएं। चाय की तरह नहीं, बूंद-बूंद करके पिएं कि गले से नीचे जाता हुआ महसूस न हो। एक कप पानी पीने में कम-से-कम 5 मिनट लगाएं। इस प्रकार पानी प्रातः खाली पेट, हर भोजन के बाद, तथा दो भोजनों के बीच में दिन में 5-10 बार लें। मूत्र अधिक आएगा, परन्तु यदि बार-बार आए या रात में उठना पड़े तो मीठा, चाय, एवं तरल पदार्थ की मात्रा कम कर दें तथा रात का भोजन हल्का करें।
गर्म पानी से पेट की सफाई
इस प्रकार पीने से पानी अपने साथ ऊर्जा एवं लार पेट में ले जाता है। प्रातः यह शरीर को विषमुक्त करने में सहायता करता है। भोजन के बाद लेने से यह पाचन क्रिया में तेजी लाता है तथा भोजनों के बीच में लेने से यह पेट में बचे खुचे अंश को पचाने में सहायता करके पेट को धोकर अगले भोजन-चक्र के लिए तैयार करा देता है। इस तरह पेट की सफाई प्रतिदिन होती रहेगी तथा पेट साफ-सुथरा एवं स्वस्थ रहकर अपना कार्य सुचारू रूप से कर पाएगा। इसका एक कार्य आंतों का सिंचन भी है, जिससे कब्ज दूर करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही ऊर्जा सारे शरीर में फैलकर रक्त संचार को तेज कर देती है जिससे शरीर के अवयवों की मरम्मत होती रहती है और उनमें नई शक्ति का संचार होता रहता है।
रात को गर्म पानी पीने के फायदे
रात में सोते समय एक कप गर्म पानी पीने से खाना अच्छी तरह पच जाता है। खाने का पाचन तेज हो जाने शरीर के आवश्यक तत्वों की आपूर्ति में वृद्धि होगी एवं अतिरिक्त शक्ति का संचार होगा। व्यक्ति स्वयं एक नई स्फूर्ति एवं उत्साह का अनुभव करेगा। इस अतिरिक्त शक्ति से शारीरिक श्रम एवं क्रियाशीलता बढ़ जाएगी तथा सभी कार्यों में मन लगेगा। इससे पाचन संस्थान की चयपचय क्रिया में और तेजी आएगी जठराग्नि तीव्र होगी तथा शक्ति में और वृद्धि होगी। इस प्रकार शरीर की जीवनी-शक्ति एवं रोग प्रतिरोध शक्ति बढ़ती जाएगी। क्रियाशीलता में बढ़ोतरी शरीर में जमा अनावश्यक चर्बी को जला देगी जिससे पेट सुदृढ़ एवं संकुचित हो जाएगा। प्रजनन के दौरान बढ़ा पेट भी दो माह के भीतर अपनी पहली अवस्था में आ जाता है। इसके साथ ही नाड़ी संस्थान की कार्यक्षमता बढ़ जाती है, जिससे रात अच्छी नींद आती है तथा दिन में सोने की आवश्यकता नहीं पड़ती। तेज बुखार, लू लगना आदि को छोड़कर लगभग सभी बीमारियों को दूर करने में यह प्रणाली सहायक होंगी, बीमारियां चाहे छोटी हो जैसे सिर दर्द, जुकाम, खांसी, गैस, हलका बुखार, कष्टप्रद मासिक इत्यादि या बड़ी हो जैसे दिल की बीमारी ब्लडप्रशेर, कैंसर इत्यादि। इस प्रणाली का अत्यंत तीव्र असर सिर दर्द, दांत दर्द शरीर के किसी भाग में साधारण दर्द दमा, ठण्ड लगना भूख की कमी गैस इत्यादि में देखा गया है।
पुरानी बीमारियों जैसे पुराना सिर दर्द, बी.पी. वात दोष, पथरी, मोटापा, कमर दर्द, डायबटीज़ अर्थराइटिस, स्पांडुलाईटिस इत्यादि पर भी इस प्रणाली के आशावादी परिणाम सामने आए है। नशे की आदत छुड़ाने एवं तनाव दूर करने में भी सहायक हो सकती है जिससे हिंसा की प्रवृत्ति में कमी लाई जा सकती है।
आवश्यक यह प्रणाली शत प्रतिशत सुरक्षित है परन्तु इसका पूरा लाभ उठाने के लिए स्वास्थ्य के नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। ठण्डे पेयों से दूर रहें, कोई भी तरल पदार्थ को धीरे-धीरे पिए तथा भोजन को खूब चबा-चबाकर खाएं