
बीते कुछ समय से H3N2 फ्लू वायरस के मामले देशभर के कई शहरों, खास तौर पर दिल्ली-NCR में तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया, गूगल और हेल्थ ऐप्स पर लोग इस वायरस के बारे में सवाल पूछ रहे हैं– जैसे इसके लक्षण, यह कब खतरनाक हो जाता है, रोकथाम के उपाय क्या हैं, इलाज कैसे होता है और कोविड से इसकी तुलना कैसे करें? आज हम आपको विस्तार से H3N2 के बारे में जानकारी देंगे।
1. H3N2 फ्लू वायरस क्या है?
H3N2 वायरस, Influenza A वायरस का ही एक रूप है। यह वायरस मौसमी फ्लू का एक महत्वपूर्ण कारण है। सितम्बर-अक्टूबर माह के बदलते मौसम में हर साल अनेक लोग इसके संक्रमण से प्रभावित होते हैं. इसका असर मुख्य रूप से श्वसन तंत्र यानी सांस से जुड़ी समस्याओं पर होता है।
2. H3N2 के लक्षण क्या हैं?
H3N2 वायरस के लक्षण बहुत हद तक साधारण फ्लू और कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- तेज बुखार
- अकसर बहती या बंद नाक
- गले में खराश और दर्द
- लगातार सूखी या बलगम वाली खांसी
- मांसपेशियों और शरीर में दर्द
- सिरदर्द
- थकान
- बच्चों में उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं
- कुछ मामलों में सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या बहुत ज्यादा कमजोरी भी देखने को मिल सकती है। अगर लक्षण ज्यादा गंभीर हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
3. H3N2 से किन लोगों को अधिक खतरा है?
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के अनुसार, कुछ विशेष वर्गों को H3N2 का अधिक खतरा रहता है:
- छोटे बच्चे और बुजुर्ग
- गर्भवती महिलाएं
- अस्थमा, डायबिटीज, हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले मरीज
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
इन लोगों के लिए संक्रमण जानलेवा भी साबित हो सकता है, इसलिए प्रिवेंशन सबसे जरूरी है।
4. H3N2 वायरस कैसे फैलता है?
H3N2 वायरस मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, या बात करने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलता है। अगर आप संक्रमित सतह को छूते हैं और फिर आंख, नाक या मुंह छूते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अच्छी साफ-सफाई और हैंड हाइजीन जरूरी है।
5. बचाव के उपाय क्या हैं?
- भीड़भाड़ और सार्वजनिक स्थानों में मास्क पहनें
- बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
- बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
- आंख, नाक या मुंह को छूने से पहले हाथ जरूर धोएं
- घर और दफ्तर की सतहों को नियमित रूप से साफ करें
- फ्लू की वैक्सीन लगवाएं, खासकर हाई-रिस्क ग्रुप के लोग
6. इलाज एवं उपचार
अधिकांश मामलों में H3N2 संक्रमण हल्का होता है, जिसमें आराम और घर में ही सामान्य दवाओं से इलाज संभव है:
- पर्याप्त आराम करें और तरल पदार्थ (पानी, सूप आदि) लेते रहें
- बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल या उपयुक्त दवा लें
- बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल करें
- अगर लक्षण अधिक गंभीर हों या लंबे समय तक रहें तो डॉक्टर से संपर्क करें
- कुछ मामलों में डॉक्टर antiviral दवा (जैसे ओसेल्टामिविर) लिख सकते हैं, जो शुरुआती 48 घंटे में असरदार होती है।
महत्वपूर्ण: कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक न लें।
7. डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- बुखार लगातार कई दिन बना रहे।
- सांस लेने में दिक्कत हो या सीने में दर्द हो।
- उल्टी/दस्त रुक न रहे।
- अत्यधिक कमजोरी महसूस हो।
- रोगी बच्चे, बुजुर्ग या सह-रुग्णता (कोमॉर्बिडिटी) वाले हों।
8. H3N2 कितने दिनों में ठीक होता है?
अधिकांश मरीज 5-7 दिन में ठीक हो जाते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में रिकवरी में 7-14 दिन तक लग सकते हैं।
9. क्या H3N2 कोविड जैसा है?
H3N2 और कोविड-19 दोनों ही सांस की बीमारी पैदा करते हैं और इनके लक्षण भी मिलते-जुलते हैं (जैसे बुखार, खांसी, कमजोरी आदि)। मगर दोनों वायरस अलग हैं। कोविड में स्वाद और सूँघने की शक्ति चली जाती है, जबकि H3N2 में ऐसा आमतौर पर नहीं होता।
10. क्या H3N2 के लिए वैक्सीन है?
हर साल लगने वाली फ्लू वैक्सीन में H3N2 वायरस का भी कवरेज होता है। हाई-रिस्क ग्रुप और स्वास्थ्यकर्मियों को फ्लू-शॉट लेना चाहिए।
निष्कर्ष
अपनी, परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए H3N2 संक्रमण की रोकथाम व लक्षण पहचानें। बहुत जरूरी है कि सतर्क रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से सलाह लें। जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।
Disclaimer: यह जानकारी जागरूकता के लिए है, मेडिकल सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।