सिर्फ बाजरा रोटी (bajra roti) खाकर सभी पोषक तत्वों की पूर्ति हो सकती है

बाजरे का प्रयोग हमारे देश में बहुतायत से होता है. बाजरा एक ऐसी फसल है, जिसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों या उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उपजाया जा सकता है. भारत में बाजरे की खेती उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश महाराष्ट्र और पंजाब आदि में होती है. सर्दियों के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में bajra roti, लड्डू, खिचड़ी व टिक्की को सबसे अधिक पसंद किया जाता है. बाजरे की प्रकृति गरम होती है. इसमें ऊर्जा अधिक होती है, जिससे बाजरा खाने वाले अधिक शक्तिशाली और एनर्जेटिक बने रहते हैं. बाजरे में पाए जाने वाले तमाम पोषक तत्त्वों में विटामिन, खनिज और कई कार्बनिक यौगिक हैं. जैसे लोहा, पोटेशियम, जस्ता, कैल्शियम, विटामिन बी और मैग्नीशियम. इसके अलावा बाजरा प्रोटीन और फाइबर से भी युक्त होता है. इसलिए bajra roti को अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर खाद्य विकल्प मन जाता है. इस लेख में आपको बाजरे के फायदे बताएँगे –

पोषक तत्त्व –

बाजरे में मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैगनीज, फास्फोरस, फाइबर (रेशा) विटामिन बी और एंटीओक्सिडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं .

दिल की बीमारी में सहायक

बाजरा मैग्नीशियम और पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो कोलेस्ट्रोल लेवल को कंट्रोल कर दिल की बीमारियों से बचाता है, और आपको सेहतमंद बनाता है. इसलिए हृदय रोगियों के लिए अपने आहार में बाजरे को शामिल करना अच्छा होता है. मैग्नीशियम में उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोग के जोखिम कारकों को नियंत्रित करने की क्षमता है. अध्ययनों से पता चला है कि मैग्नीशियम एलडीएल (ख़राब) कोलेस्ट्रोल को कम करने में लाभकारी है.

पाचक क्रिया में सहायक

बाजरा फाइबर में समृद्ध है, जो पाचन प्रक्रिया को सही रखकर पाचन स्वस्थ रखता है। गैस, कब्ज और अम्लता को भी रोकता है। फाइबर और धीरे -धीरे पचने वाले स्टार्च की उपस्थिति के कारण मधुमेह पर बाजरे का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो ग्लूकोज में परिवर्तित होने में अधिक समय लेता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है।

कैंसर से बचाए

कैंसर के दौरान शरीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेन्ट की स्थिति में काफी कमी जा जाती है। बाजरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेन्ट शरीर के रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इसमें मौजूद उच्च एंटी-ऑक्सीडेन्ट पदार्थ शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। बाजरा खाने से कैंसर के लक्षणों में कमी देखी जा सकती है।

वजन घटाने में सहायक | which millet is good for weight loss

यदि आप वजन बढ़ने से चिंतित हैं, तो सर्दियों में बाजरा खाएं। बाजरा में फाइबर की उपस्थिति के कारण, पेट भरा रहता है और भूख कम हो जाती है। इसके कारण, वजन नियंत्रित रहता है। बाजरा शरीर के खाने को धीमी गति से पचाता है और इसमें मौजूद रेशों से पेट भरा महसूस होता है। इससे वजन और मोटापा, दोनों कम करने में सहायता मिलती है। इसमें विटामिन बी, स्वास्थ्य-बढ़ाने वाले कैल्शियम और आयरन पाया जाता है। 400 ग्राम बाजरे में लगभग 106 ग्राम कैलोरी, 2 ग्राम फाइबर, 3 ग्राम प्रोटीन, 1 ग्राम वसा, 20 ग्राम कार्ब्स पाए जाते हैं।

शुगर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाना चाहिए? | which millet is good for diabetes

नियमित रूप से बाजरे का सेवन करने से डाईबिटीज़ (शुगर) का खतरा कम हो जाता है। डाईबिटीज़ या शुगर के मरीज को बाजरा जरूर खाना चाहिए। फ्री रेडिकल्स के कारण डाईबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ग्लूकोज को अतिरिक्त लेने से भी कोशिकाएं खराब हो जाती हैं। एक अध्ययन के अनुसार एंटीऑक्सीडेन्ट इस स्थिति को काबू में रखते हैं। एंटीऑक्सीडेन्ट लेने से डायबिटीज़ के बाद होने वाली अन्य समस्याओं के खतरे भी कम हो जाते हैं। इसके अलावा अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि पोलीफेनोल्स आपके खून से रक्त शर्करा को कम करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाए

बाजरा खाने से भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों को मजबूती देता है, जिससे आस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से बचाव होता है। इसके साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में भरपूर मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है। ये खनिज हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार 100 ग्राम बाजरा में 42 ग्राम कैल्शियम और 296 ग्राम फास्फोरस पाया जाता है। इसका नियमित सेवन करने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। बच्चों और किशोरों के भोजन में खास तौर पर बाजरे को शामिल करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद

गर्भावस्था में बाजरे का सेवन फायदेमंद है। बाजरे में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बाजरा गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे पौष्टिक अनाजों में से एक है। यह आयरन का भी अच्छा स्रोत है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है। बाजरे में फ़ाइबर, एंटीऑक्सीडेन्ट, जिंक, मैग्नीशियम, कापर, और विटामिन बी भी भरपूर मात्रामें पाए जाते हैं।

बाजरा का भाव

बाजरा बहुत महंगा नहीं होता है। यह पौष्टिकता के हिसाब से बहुत ही सस्ता है। यह 40-45 रु. किलो के भाव में आसानी से मिल जाता है। यह देसी और हाईब्रिड दो तरह की प्रजातियों में मिलता है। देसी बाजरा खाने में अधिक पौष्टिक होता है। देसी बाजरा देखने में छोटा और मोटा होता है, जबकि हाईब्रिड बाजरा देखने में पतला और लंबा होता है।

बाजरे की तासीर कैसी होती है

बाजरे की प्रकृति गरम होती है। इसको सर्दियों में अधिक प्रयोग करना चाहिए। गर्मियों में भी बाजरा दिन में एक बार खा सकते है।

बाजरा रोटी क्या है और भारत में यह क्यों लोकप्रिय है?

बाजरा रोटी एक पारंपरिक भारतीय फ्लैटब्रेड है जो बाजरे के आटे से बनाई जाती है। यह भारत के कई हिस्सों में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में और सर्दियों के महीनों में एक मुख्य भोजन है। बाजरा एक सूखा प्रतिरोधी फसल है जो शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगती है, जिससे यह आसानी से उपलब्ध और सस्ती हो जाती है। रोटी अपनी हार्दिक बनावट और अखरोट के स्वाद के लिए जानी जाती है, जिससे यह नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाती है।

बाजरा रोटी खाने के प्रमुख पोषण लाभ क्या हैं?

बाजरा रोटी आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे आयरन, पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और बी विटामिन से भरपूर एक पोषण शक्ति है। यह प्रोटीन और फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत है। ये पोषक तत्व समग्र स्वास्थ्य में योगदान करते हैं, जिसमें बेहतर पाचन, मजबूत हड्डियां और बेहतर हृदय स्वास्थ्य शामिल हैं।

बाजरा रोटी हृदय स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुंचाती है?

बाजरा मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है, जो दोनों ही स्वस्थ रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैग्नीशियम रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और रक्त वाहिकाओं को आराम देता है, जबकि पोटेशियम सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करने में मदद करता है। ये गुण हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

क्या बाजरा रोटी वजन प्रबंधन में सहायता कर सकती है?

हां, बाजरा रोटी वजन प्रबंधन के लिए सहायक हो सकती है। इसका उच्च फाइबर सामग्री तृप्ति को बढ़ावा देती है, जिससे आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते हैं और कैलोरी का कुल सेवन कम हो जाता है। फाइबर पाचन प्रक्रिया को भी धीमा कर देता है, जिससे निरंतर ऊर्जा रिलीज होती है और रक्त शर्करा में अचानक वृद्धि को रोका जा सकता है, जो लालसा और अधिक खाना खाने का कारण बन सकती है।

क्या बाजरा रोटी मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है?

बाजरा रोटी को मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। उच्च फाइबर सामग्री रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है क्योंकि यह रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देती है। ऊर्जा की यह स्थिर रिलीज रक्त शर्करा में अचानक स्पाइक्स को रोकती है, जिससे यह मधुमेह के प्रबंधन के लिए एक उपयुक्त आहार विकल्प बन जाता है।

बाजरा रोटी पाचन स्वास्थ्य को कैसे बढ़ावा देती है?

बाजरा रोटी में फाइबर की प्रचुरता स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फाइबर मल में ‘bulk’ जोड़ता है, जिससे नियमित मल त्याग होता है और कब्ज ख़त्म होता है। इसके अतिरिक्त, यह लाभकारी आंत बैक्टीरिया को पोषण देने में मदद करता है, एक संतुलित आंत माइक्रोबायोम में योगदान देता है और समग्र पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है।

क्या बाजरा रोटी कैंसर से कोई सुरक्षा प्रदान करती है?

जबकि बाजरा रोटी स्वयं सीधे कैंसर का इलाज नहीं करती है, इसकी समृद्ध एंटीऑक्सिडेंट सामग्री कैंसर के जोखिम को कम करने में योगदान दे सकती है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं, कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं जो कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

क्या बाजरा रोटी गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है?

हां, बाजरा रोटी को गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें समृद्ध पोषक तत्व होते हैं। यह आयरन का एक अच्छा स्रोत है, जो गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, कैल्शियम सामग्री बढ़ते भ्रूण में मजबूत हड्डियों के विकास में योगदान करती है। फाइबर भी कब्ज को रोकने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान एक सामान्य समस्या है।

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