फलों के रस से रोगों का इलाज | फलों के रस के फायदे

फलों के रस या जूस का सेवन हम सब करते हैं. अधिकतर लोग जूस का सेवन ताकत या ऊर्जा प्राप्त करने के लिए करते हैं. लेकिन अधिकतर को यह नहीं पता कि फलों के रस से रोगों का इलाज होता है. या फलों के रस के फायदे क्या हैं. आम तौर पर लोगों को यह नहीं पता होता कि किस फल का जूस किस बीमारी में लेना चाहिए, या किस बीमारी में कौन सा जूस नुकसान करता है. अगर इस बात को ध्यान रखा जाये, तो सिर्फ फलों के रस से असाध्य रोगों को दूर किया जा सकता है और नयी बीमारी को भी दूर रखा जा सकता है. आइये देखें कि किस प्रकार से फलों के रस से रोगों का इलाज किया जाता है.

विभिन्न रोंगों का फलों के रस से इलाज

शरीर में अधिकतम बीमारियाँ पेट से शुरू होती हैं. लम्बे समय तक पेट ख़राब होने पर शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं. फलों का जूस पेट के चयापचयन यानि पेट के सिस्टम को ठीक करता है, जिससे पुरानी से पुरानी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं और नयी बीमारियाँ उत्पन्न नहीं होने पातीं. आइये देखते हैं कि किस बीमारी में कौन सा जूस लेना चाहिए-

पेट रोगों के इलाज के लिए फलों के रस का उपयोग

आँतों के घाव का फलों के रस से इलाज

अधिक खाना, असमय खाना, तला-भुना खाना खाने या अत्यधिक तनाव से पेट में एसिड का अत्यधिक मात्र में स्राव होता है. यह स्थिति लम्बे समय तक रहने पर आँतों की अंदरूनी त्वचा पर घाव हो जाते हैं. इस स्थिति को अल्सर भी कहा जाता है. आँतों का घाव भरने में गोभी का रस बहुत अच्छा काम करता है. प्रतिदिन 500 मिली. तक गोभी का जूस पीने से आंतों के घाव भर जाते हैं और अल्सर ठीक हो जाता है. आंतों के घाव का इलाज करने के लिए ककड़ी, पपीता और आलू का रस भी उपयोगी है. आंतों के घाव होने पर खट्टे फलों का रस नहीं पीना चाहिए.

अपच (हाजमा ठीक न होना)

आजकल अधिक तला-भुना या असमय खाने से अपच की समस्या आम है. अपच की शिकायत होने पर ही इसका इलाज कर लेना चाहिए. नहीं तो पूरा जीवन पेट की समस्या बनी रहती है. अपच की बीमारी के इलाज के लिए सुबह के समय गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़कर पी लेना चाहिए. इससे रात का खाना भी पच जाता है. इसके अलावा भोजन से एक घंटा पहले एक चम्मच अदरक का रस पियें. खाने से पहले पपीता, अनानास, ककड़ी, पत्ता गोभी, गाजर और पालक का रस पीने से अपच की बीमारी का इलाज हो जाता है.

एसिडिटी का फलों के रस से इलाज

एसिडिटी में गोभी और गाजर का मिक्स जूस बहुत लाभकारी है. ककड़ी, आलू, सेब, खीर, मौसमी और तरबूज का रस भी मौसम के अनुसार लेने से एसिडिटी में लाभ होता है. इस उपाय से कोलाइटिस यानी आँतों की सूजन भी ठीक हो जाती है. रात को सोने से पहले देसी गाय का एक कप गुनगुना दूध पीने से भी एसिडिटी को काफी लाभ होता है.

पेट के कीड़ों का इलाज

एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच लहसुन का रस और एक चम्मच प्याज का रस मिलकर पियें. 2-3 दिन पीने से पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं. अगर पेट में कीड़े की समस्या बनी रहती है तो मेथी पुदीने का रस और पपीते का रस पीना उपयोगी है.

अनिद्रा (नींद न आना) का इलाज

अनिद्रा की बीमारी को फलों के रस से ठीक किया जा सकता है. सुबह नाश्ते से पहले सेब, अमरूद, आलू का रस या पालक और गाजर के रस के रस को सुबह नाश्ते से पहले पीने से नींद न आने की समस्या ठीक हो जाती है.

हड्डी टूटने पर फलों के रस से इलाज

हड्डी टूटने पर पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ से समुचित इलाज शुरू करें. हड्डी टूटने पर शीघ्र लाभ के लिए रिजका, पालक, चौलाई, मति, सहजन और अजवाइन के रसों को मिलकर सेवन करें. आंवला, तरबूज़, अमरुद, गाजर और पपीते का रस पीने से कैल्शियम और प्रोटीन की प्राप्ति होती है और हड्डी के टूटने के स्थान पर विशेष लाभ होता है.

गठिया का फलों के रस से इलाज

सुबह उठकर गर्म पानी में नींबू और शहद का सेवन करें. गठिया अधिक होने पर 5-6 नींबू हर रोज़ 3 से 4 लीटर गर्म पानी में डालकर पियें. अगर 5-6 दिन सिर्फ नींबू और गर्म पानी पर उपवास किया जाये, तो गठिया जल्द ही नियंत्रित हो जाता है. गठिया के रोग में हरी सब्जियों का सूप, पनसी और चेरी का रस विशेष लाभ देता है.

फलों के रस से विभिन्न रोगों इलाज

यदि उपरोक्त बताये गए फलों और सब्जियों के रस और सूप का यदि मौसम के अनुसार नियमित रूप से सेवन किया जाये तो अन्य रोग जैसे खांसी, चर्म रोग, संक्रामक रोग, बुखार, टाईफाइड, दांतों के रोग, न्यूमोनिया, गैस, एसिडिटी, पायरिया, ब्रोंकाईटिस, पेशाब के रोग, किडनी के रोग और लीवर आदि के रोग भी ख़त्म हो जाते हैं.

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