थायराइड के लक्षण, इलाज और सावधानी

अपने आपको थायराइड से बचाने के लिए इसके बारे में पूरी जानकारी होनी आवश्यक है जैसे थायराइड क्या है, थायराइड के लक्षण क्या हैं, थायराइड का इलाज क्या है, और थायराइड से बचने के उपाय क्या हैं आदि. भारत के 8 शहरों में की गयी एक स्टडी के अनुसार 10 में से 1 भारतीय को थायराइड हो सकता है. महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले थायराइड होने की संभावना अधिक है.

थायराइड क्या है (What is thyroid)

थायराइड एक तितली के आकार सी ग्रंथि होती है जो हमारी गर्दन के सामने साँस की नली से लगी होती है.

थायराइड के लक्षण, इलाज और सावधानी
थायराइड ग्रंथि

थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर में 2 तरह के थायराइड हारमोन बनाती है

  1. टेट्रा-आयोडोथायरोनाइन या T-4
  2. ट्राई-आयोडोथायरोनाइन या T-3

ये हार्मोन शरीर के मेटाबोलिज्म पर असर डालते हैं. इन हार्मोन्स का मस्तिष्क, हृदय, मांसपेशियों, लीवर और अन्य अंगों की गति पर प्रभाव होता है. यदि ये हार्मोन्स पर्याप्त मात्रा में ना बनें या अधिक मात्रा में बनें तो शरीर पर इस प्रभाव दिखने लगते हैं जैसे अत्यधिक थकान होना, अत्यधिक सर्दी लगना, घबराहट होना आदि. थायराइड हार्मोन्स का शरीर की वृद्धि या गर्भधारण पर भी असर हो सकता है. यदि शरीर में थायराइड हार्मोन पर्याप्त मात्रा में न बनें, तो यह स्थिति हाइपोथायरोइडिज्म कहलाती है. यदि शरीर में थायरॉइड हार्मोन्स अधिक मात्रा में बनते हैं तो यह स्थिति हाइपरथायरोइडिज्म कहलाती है.

हाइपोथायरोइडिज्म के कारण लीवर, मस्तिष्क, आंतों, ह्रदय और किडनी जैसे अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप बढ़ जाना, प्रसव से पहले और बाद में रक्त की कमी हो जाना, बच्चे की बौद्धिक क्षमता में कमी होना आदि भी हाइपोथायरोइडिज्म के दुष्प्रभाव हैं.

हाइपरथायरोइडिज्म के करण हार्ट फेलियर, हड्डियाँ कमंजोर होना, ऑंखें कमजोर होना और शरीर के अंगों में सूजन आदि की समस्याएं हो सकती हैं. यदि हाइपरथायरोइडिज्म के करण हार्ट बढ़ जाये तो अचानक तेज बुखार आ सकता है.

थायराइड के लक्षण (thyroid ke lakshan)

यदि शरीर में निम्न लक्षण दिखाई दें तो ये हाइपरथायरोइडिज्म (थायराइड हार्मोन्स की कमी) के लक्षण हैं

  • बिना कारण वजन बढ़ना
  • जल्दी-जल्दी थकान होना
  • आवाज में बदलाव होना
  • चेहरे या किसी अन्य अंग में सूजन आना
  • बाल झड़ना
  • कब्ज़ रहना

यदि शरीर में निम्न लक्षण दिखाई दें तो ये हाइपरथायरोइडिज्म ((थायराइड हार्मोन्स में वृद्धि) या पतले होने वाले थायराइड के लक्षण के लक्षण हैं

  • बिना कारण वजन घटना
  • तनाव और एकाग्रता में कमी
  • बहुत गर्मी लगना
  • दिल की धड़कन बदना
  • नींद न आना
  • घबराहट और चिडचिडापन

थायराइड की जांच (थायराइड कितना होना चाहिए)

TSH थायराइड की जांच के लिए किया जाने वाला सबसे आम test है. इससे ही हाइपोथायरोइडिज्म या हाइपरथायरोइडिज्म का पता चलता है. यदि TSH 4.5mlU/L से अधिक है तो यह हाइपोथायरोइडिज्म (थायराइड हार्मोन्स की कमी) को दर्शाता है. और यदि TSH 0.45mlU/L से कम है तो यह हाइपरथायरोइडिज्म (थायराइड हार्मोन्स की अधिकता) को दर्शाता है. शरीर की अवस्था के कारण और अलग-अलग लैब में TSH के स्तर में अंतर आ सकता है.

नार्मल थायराइड कितना होना चाहिए?

यदि TSH 0.45 से 4.5mlU/L के बीच है तो यह नार्मल माना जाता है.

थायराइड क्यों होता है

आमतौर पर थायराइड होने के निम्न कारण होते हैं –

  • ऑटोइम्यून कारणों से थायराइड ग्रंथि की खराबी
  • जन्मजात (जन्म से)
  • किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट से
  • थायराइड ग्रंथि को निकालने के कारण
  • पीयूष ग्रंथि की खराबी
  • अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन

थायराइड की जांच कब करानी चाहिए

थायराइड हार्मोन्स में असंतुलन कभी भी हो सकता है. लेकिन यदि आप निम्न स्थितियों में हों तो आपको थायराइड की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए –

  • यदि आपकी उम्र 35 वर्ष या अधिक है
  • जैसे आपको मधुमेह आदि कोई ऑटोइम्यून बीमारी हो
  • यदि परिवार में किसी और को थायराइड हो
  • यदि किसी दवा का आप पर साइड इफ़ेक्ट हो

महिलाओं में थायराइड के साइड इफेक्ट क्या होते हैं

महिलाओं में महिलाओं में थायराइड के साइड इफेक्ट गर्भावस्था में समस्या के रूप में सामने आते हैं. इसके अलावा महावारी में अनियमितता, प्रसव से पहले और बाद में खून की कमी आदि कुछ और साइड इफ़ेक्ट हैं.

Healthnia