चोकर के फायदे क्या हैं, यह सबको जानना चाहिए. चोकर या भूसी गेंहूँ के दानों की बाहरी सतह के छिलकों को कहा जाता है। चोकर को प्रायः महत्वहीन समझकर आटे से छानकर अलग कर फेंक देते है। जबकि यही चोकर गेहूँ का सबसे पोष्टिक और उपयोगी तत्व है। चोकर में बहुत से गुण होते हैं, जो पेट के रोगों जैसे अपच, एसिडिटी, गैस, आँतों में सूजन आदि को ख़त्म करता है. आईये जानते हैं चोकर खाने के फायदे chokar ke fayde in hindi –
चोकर में क्या होता है
चोकर के गेहूँ के वजन का लगभग पांचवा हिस्सा चोकर होता है। चोकर में भोजन के पौष्टिक तत्वों का अंश प्रोटीन, खनिज लवण, वसा, स्टार्च आदि मौजूद रहता है। ये सभी तत्व शरीर के सन्तुलित विकास के लिए अत्यधिक उपयोगी होते है। इनकी कमी से शरीर विभिन्न बीमारियों का शिकार हो जाता है इसमें गेहूं के खनिज लवण का तीन चौथाई हिस्सा होता है चोकर में अपने वजन का बीसवा हिस्सा खनिज लवण होते है। चोकर वजन का 13 वां हिस्सा फास्फेट ऑफ पोटाश होता है। आटे से चोकर अलग कर देने से इसमें पोटाश की कमी हो जाती है। व मामूली चोकर में 3 फीसदी चिकनाई, 12 फीसदी प्रोटीन तथा एक तिहाई हिस्सा स्टार्च होता है।
चोकर के फायदे क्या हैं | choker ke fayde in hindi
चोकर के फायदे choker ke fayde अनगिनत हैं. चोकर पेट को ठीक रखता है, इसलिए चोकर का नियमित प्रयोग पेट को ठीक रखकर लगभग हर बीमारी को चोकर नियंत्रित कर सकता है. आईये देखते हैं कि चोकर के फायदे क्या हैं –
- चोकर में पाये जाने वाले कार्बोहाइडेट का एक तिहाई भाग शरीर द्वारा पचा लिया जाता है। चोकर मल के परिणाम को बढाता है और इस प्रकार कब्ज को ठीक करता है।
- चोकर आंतों को शक्ति और सक्रियता प्रदान कर उन्हें सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।
- इसमें विटामिन बी कॉपलेक्स की मात्रा प्रचुर होती है। इससे नियमित सेवन से त्वचा चमकदार और मुलायम होती है.
- इसके रेशे अन्य साधारण खाये जाने वाले पदार्थों के रेशों की तुलना में शरीर में सड़न को रोकने में योगदान देते है।
- चोकर का प्रयोग क्षय रोगियों के लिए वरदान है. ब्रिटेन में क्षय रोगियों और इस रोग से मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा थी, भोजन में चोकर की मात्रा बढाकर इस दर में उल्लेखनीय कमी की गयी।
- स्नायु दौर्बल्य और रक्ताल्पिता के रोगी चोकर की चाय से लाभ उठा सकते है। इसके लिए साफ चोकर को उसके तौल से छः गुने ठंडे पानी में किसी अच्छे ढक्कनदार बर्तन में डालकर लगभग आधे घंटे तक उबलने दिया जाये, फिर उसे उतारकर उसमें शहद, या नीबूं का रस मिलाकर छान लिया जाये। इसके नियमित सेवन से स्नायु दुर्बलता और रक्ताल्पता की कमी दूर होती है।
- साधारण नजले, जुकाम आदि से भो चौकर को उबालकर थोडा सा नमक मिलाकर छानकर पीने से आराम मिलता है।
- अच्छे और शुद्ध चोकर का एक भाग गेंहूँ के आटे का आठ भाग मिलाकर तैयार की गई चोकर की रोटियाँ मधुमेह को नियन्त्रित करने में सफल रहती है।
आटे से चोकर को निकालने के नुकसान क्या हैं
आटे से चोकर को निकालने के नुकसान बहुत सारे हैं. चोकर को प्रायः महत्वहीन समझकर आटे से छानकर अलग कर फेंक देते है। जबकि यही चोकर गेहूँ का सबसे पोष्टिक और उपयोगी तत्व है। चोकर में भरपूर कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस और लौह तत्व होते हैं. गेंहूँ के आटे से चोकर अलग कर देने से आटे में उपस्थित कैल्शियम का लगभग आधा भाग, पोटेशियम का तीन चौथाई भाग, फास्फोरस तथा लौह का एक बड़ा हिस्सा कम हो जाता है। कैल्शियम हडिडयों को मजबूत करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है, इसकी कमी से हड्डिया और दांत टेढे – मेढे व अविकसित रह सकते है। बच्चों में कैल्शियम की कमी से विकार हो सकते है। साथ ही उनका सहज विकास भी नहीं हो पाता। चोकर युक्त आटै की रोटी में बिना चोकर के आटे की रोटी से दुगनी मात्रा में लौह होता है। लोहे की कमी से एनीमिया हो सकता है। शरीर मे लाल रक्त कणिकाओं के लिए लोह तत्व अत्यन्त जरूरी है चोकर कब्ज में भी काफी लाभप्रद साबित हुई है। चोकर आंतों को शक्ति और सक्रियता प्रदान कर उन्हें सुचारू रूप से काम करने में मदद देती है. इसमें विटामिन बी कॉपलेक्स की मात्रा प्रचुर होती है। इसकी कमी से त्वचा संबंधी रोगों की आशंका रहती है। आटे से चोकर निकालकर फेंक देने से चोकर के फायदे chokar ke fayde से आप वंचित हो जाते हैं.