आपने कई बार लोगों को गुस्से मे चिल्लाते और पागलो की तरह हरकतें करते देखा होगा। यह हिस्टीरिया की निशानी है। हिस्टीरिया उस मानसिक स्थिति का एक लक्षण है, जब कोई व्यक्ति अत्यधिक तनाव में अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाता और अपना विवेक खो देता है। यह बीमारी महिलाओं में अधिक होती है। क्योंकि महिलायें पुरुषों की तुलना में अधिक भावनात्मक होती हैं। उनके लिए हिस्टीरिया बीमारी के लक्षण और उपाय जानना बहुत आवश्यक है, जिससे समय रहते इस बीमारी से बचा जा सके.
हिस्टीरिया बीमारी क्या है और इसके लक्षण क्या हैं
अचानक शरीर के किसी अंग में ऐंठन, गला रुकना, बोलने में कष्ट होना, अपने हाव-भावों और अंगों पर नियंत्रण ना रहना, तेज-तेज चिल्लाना या खूब हँसना-ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जो हिस्टीरिया होने पर प्रकट होते हैं. यह बात नोट करने की है कि हिस्टीरिया में मिर्गी जैसे दौरे नहीं पड़ते. मिर्गी में तो दौरा पड़ने पर आदमी कहीं भी गिर जाता है. उसके दांत भिंच जाते हैं, मुट्ठियाँ बंद हो जाती हैं, शरीर अकड़ जाता है. लेकिन हिस्टीरिया में व्यक्ति बिलकुल होश में रहता है. बस उसका उसके कार्यकलापों पर नियंत्रण नहीं रहता. उसे अत्यधिक तनाव होने पर चक्कर या बेहोशी आ सकती है. लेकिन रोगी को इसका आभास हो जाता है.
स्त्री हिस्टीरिया क्या है
हिस्टीरिया की बीमारी पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक पायी जाती है. क्योंकि वे भावनात्मक रूप से पुरुषों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होती हैं. जो स्त्रियाँ डर, शर्म या लज्जा के करण अपनी बात खुलकर किसी से नहीं कह पातीं, और तनाव मस्तिष्क में तनाव और डर की स्थिति बनी रहती है, वही स्त्रियाँ अधिकतर हिस्टीरिया जैसे रोगों की शिकार होती हैं. इसके आलावा स्त्रियाँ अपनी शारीरिक समस्याओं के कारण भी तनाव में रहती हैं.
हिस्टीरिया बीमारी का इलाज क्या है
यदि किसी स्त्री में अचानक तेज गुस्से या अचानक फूट-फूटकर रोने के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अगर हिस्टीरिया है तो तुरंत इलाज शुरू कराएँ. उनके साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें. उनकी समस्या का कारण जानने की कोशिश करें. यदि उनके आस-पास का वातावरण बदला जाए, तो यह बीमारी समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है. इसके अलावा homeopathy में इसका सम्पूर्ण इलाज उपलब्ध है.