ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण, सावधानियां एवं इलाज

ब्रेस्ट कैंसर क्या है, ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है, ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण क्या हैं एवं इसके लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहियें और इसका क्या इलाज है, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो महिलाओं के मस्तिष्क में तैरते रहते हैं। आज से 20-30 साल पहले तक ब्रेस्ट कैंसर शब्द कभी-कभी ही सुनने को मिलता था, लेकिन पिछले 20 सालों में यह बीमारी तेजी से बढ़ी है। इसलिए महिलाओं में इसके लिए चिंता होना स्वाभाविक है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 प्रतिशत महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना हो सकती है।

ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है

सीधी-सरल भाषा में कहें तो जब दूध वाहिनियों में तन्तु यानी टिशू जमने लगते हैं तो गांठें बनने लगती हैं। यही गांठें आगे चलकर ट्यूमर यानी कैंसर में बदल जाती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण

जैसे जैसे ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में बढ़ोत्तरी हो रही है, वैसे-वैसे हर महिला को सावधान रहने की जरूरत है। ब्रेस्ट कैंसर को पहचानने का सबसे बढ़िया तरीका है सेल्फ एग्जामिनेशन। आपको समय-समय पर अपने स्तनों की जांच करते रहना चाहिए। यदि निम्न-लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • ब्रेस्ट या स्तन में दर्द या आकार में असामान्य बदलाव
  • ब्रेस्ट को दबाने पर सख्त महसूस होना
  • कोई भी छोटी या बड़ी गांठ होना जिसमें दर्द होता हो
  • स्तन के रंग में बदलाव जैसे त्वचा में लाली आना
  • स्तन की त्वचा पर नसों का साफ दिखाई पड़ना
  • निप्पल अंदर धंस जाना।
  • निप्पल से दूध की जगह अन्य द्रव्य जैसे पस आदि का निकालना

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्शन किट

भारतीय मूल के डॉ हेम्मेल अमरानिया ने ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए एक किट बनाई है। उनके अनुसार यह तकनीक ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए सस्ता और काफी तेज उपाय है और 95 प्रतिशत सटीकता से कार्य करती है। यह काफी काम समय में परिणाम देने में सक्षम है।

ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज

अगर आपको अपने स्तनों की जांच करने पर कैंसर के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जितना जल्दी आप डॉक्टर से इलाज शुरू करवायेंगी, उतना ही अच्छा होगा। डॉक्टर से संपर्क करने पर ही आपको पता चलेगा कि आपका ब्रेस्ट कैंसर किस स्टेज पर है। शुरुवाती स्टेज में कैंसर का इलाज घर पर ही संभव है। जैसे जैसे कैंसर बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे इसका इलाज मुश्किल होता जाएगा। इसके लिए आपको ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज समझने की जरूरत है।

ब्रेस्ट कैंसर की ज़ीरो स्टेज – दूध वाहिनियों में जमे टिशू जब कैंसर कोशिकाओं में बदलते हैं, उसे ब्रेस्ट कैंसर की ज़ीरो या शून्य स्टेज कहते हैं। इस स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सबसे आसान होता है। इस स्टेज का कैंसर शरीर के किसी अन्य हिस्से के लिए नुकसानदायक नहीं होता।

ब्रेस्ट कैंसर की पहली स्टेज : जब कैंसर कोशिकाएं स्तन की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है, वह ब्रेस्ट कैंसर की पहली स्टेज होती है।

ब्रेस्ट कैंसर की दूसरी स्टेज : इस स्टेज पर आकर ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाएं बहुत तेजी से शरीर के दूसरे अंगों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर की तीसरी स्टेज : जब ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों के तंतुओं को नुकसान पहुंचाना शुरु कर दें, तब इसे ब्रेस्ट कैंसर की तीसरी स्टेज कहा जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज : यह कैंसर की वह स्टेज है, जब कैंसर लाइलाज हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर की इस स्टेज में कैंसर हड्डियों, फेफड़ों और शरीर के सभी अंगों तक फैल जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए सावधानियां

ब्रेस्ट कैंसर से बचना मुश्किल तो है लेकिन असंभव नहीं। ब्रेस्ट कैंसर से बचने का पहला चरण तो अपने स्तनों की नियमित जांच है। ब्रेस्ट कैंसर से बचने का अगला चरण ब्रेस्टअपनी जीवन शैली में बदलाव लाना है। अपनी जीवन शैली में इन बदलावों से आप ब्रेस्ट कैंसर से बच सकती हैं –

  • वजन नियंत्रण में रखें
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। हो सके तो घर के सारे काम स्वयं करें। या फिर योग, प्राणायाम और व्यायाम से शरीर को फिट रखें।
  • अपने आहार को संतुलित रखें। पोषक आहार लेन। अधिक तला-भुना या जंक फूड न लें। अपने आहार में कच्चे फल-सब्जियां और फ़ाइबर युक्त पदार्थ, सूखे मेवे आदि शामिल करें।
  • अपनी इम्यूनिटी कमजोर न होने दें। खाने में हल्दी, आंवला, एलोवेरा, गिलोय आदि लेती रहें।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज इसके स्टेज पर निर्भर करता है। यदि ब्रेस्ट कैंसर शुरुआती स्टेज में है तो ऑपरेशन द्वारा कैंसरयुक्त कोशिकाएं और इसके आसपास की कुछ स्वस्थ कोशिकाएं निकालने से काम हो जाता है। कैंसर आगे न बढ़ पाए, इसके लिए रेडीऐशन या कीमोथेरापी भी की जा सकती है। इनके न करने पर कैंसर कोशिकाओं के फिर से उभरने की आशंका बनी रहती है।

यदि ब्रेस्ट कैंसर अपनी शुरुआती स्टेज पार कर गया है तो ऑपरेशन द्वारा पूरा स्तन ही काटकर अलग कर देना पड़ता है। उसके बाद कैंसर कोशिकाओं को फिर से उभरने से रोकने के लिए रेडीऐशन या कीमोथेरापी की भी जरूरत पड़ सकती है।

बिना ऑपरेशन ब्रेस्ट कैंसर का इलाज

अगर ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती चरण में ही पहचान लिया जाए, तो रेडियोथेरपी या कीमोथेरपी से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करके बिना ऑपरेशन ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करना संभव हो सकता है। लेकिन यह ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज पर निर्भर है। यदि ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 1 या स्टेज 2 तक पहुँच गया है तो बिना ऑपरेशन इसका इलाज संभव नहीं है।

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