दूध पीने का सही तरीका और समय | खाद्य ही नहीं औषधि भी है दूध | दूध पीने के फायदे

दूध पीने का सही तरीका, समय और दूध पीने के फायदे – दूध प्रकृति द्वारा मनुष्य को दी गयी सबसे अनमोल वस्तु है. जब बच्चे का जन्म होता है, प्रकृति उसकी माता के स्तनों में दूध पैदा कर देती है. दूध नवजात शिशु अवस्था से लेकर युवावस्था तक शरीर को सबल बनाने में अपनी भूमिका निभाता है. वहीँ दूध रोगी मनुष्य को भी रोग मुक्त कर सबल कर देता है. इस लेख में हम आपको दूध पीने के फायदे और दूध पीने का सही तरीका और समय बताएँगे.

गाय का दूध पीना चाहिए या भैंस का

गाय को भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता है. क्योंकि गाय बहुत सात्विक और ममतामयी स्वाभाव वाली होती है. इसीलिए गाय का दूध भी सात्विक होता है. गाय का दूध जल्दी हजम भी हो जाता है. इसीलिए रोगियों, बच्चों और दिमाग का काम करने वाले वयस्कों को गाय का दूध ही पीना चाहिए. भारत की देसी गाय का दूध पीने से व्यक्ति बुद्धिमान और विचारवान बनाता है. उसके विचार अच्छे होने से अच्छे कामों की और अग्रसर होता है. बकरी का दूध भी हल्का और सुपाच्य होता है. बच्चों और रोगियों के लिए बकरी का दूध अच्छा होता है. गाय और बकरी का दूध पीने के फायदे बहुत सारे हैं. भैंस का दूध स्निग्ध यानी गाढ़ा और देर से हज़म होने वाला होता है. इसलिए मेहनत का और भारी काम करने वालों को भैंस का दूध पीना चाहिए.

दूध पीने का सही तरीका और समय
गाय का दूध पीना चाहिए या भैंस का

रोगी के लिए दूध पीने के फायदे

अन्न की अपेक्षा दूध जल्दी हज़म होता है. इसीलिए रोगी को दिन में कई बार दूध दिया जा सकता है. रोगी को हर 2 घंटे पर भी दूध दे सकते हैं. लेकिन दूध भारत की देसी गाय या बकरी का होना चाहिए. और उतनी मात्र में होना चाहिए, जिसको रोगी पचा सके. दूध को खूब गर्म करके उसकी मलाई निकाल कर रोगी को देना चाहिए.  रोगी और बच्चों को कभी भी सोते से उठाकर दूध नहीं देना चाहिए. जिस समय गर्म हवा चल रही हो, या जिस रोगी के शरीर में गर्मी की मात्रा ज्यादा हो, उस समय दूध को उबाल कर बर्फ के बर्तन में रखकर ठंडा करके देना चाहिए.

रोगी के लिए दूध पीने का सही तरीका और समय

रोगी के लिए दूध पीने के फायदे तभी हो सकते हैं, जब दूध पीने का तरीका और समय पता हो. जो रोगी अन्न नहीं पचा सकते, उनके लिए दूध अमृत समान है. रोग की अवस्था में दूध देते रहने से रोगी जल्दी ही निरोगी हो जाता है. परन्तु रोगी को दूध की अधिक मात्रा नहीं देनी चाहिए. थोड़ा-थोड़ा दूध 24 घंटे में देना चाहिए. गंभीर रोगी को बकरी या देसी गाय का 50 से 100 ग्राम से अधिक दूध एक बार में नहीं देना चाहिए. मध्यम रोगी को दूध की मात्रा 200 से 300 ग्राम तक दे सकते हैं. रोगी को नियत मात्रा में रोज़ 8 से 10 बार दूध दे सकते हैं. इस प्रकार रोगी भी 2 से 2.5 किलो दूध दिन भर में पी सकता है. औषधीय परामर्श के अनुसार दूध में कोई औषधि या स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ मिलाकर पिला सकते हैं. गर्मियों में पका आम, पतली दाल आदि दिन में एक बार ले सकते हैं.

केवल दूध से ठीक होने वाले रोग

केवल दूध कई रोगों की औषधि है. ऊपर बताये नियम के अनुसार बकरी या गाय का दूध पिया जाये तो कई रोग ख़त्म हो जाते हैं.  पुराना बुखार, बदहजमी, तिल्ली के रोग, लीवर के रोग, खून में इन्फेक्शन, अधिक एसिडिटी, दिमागी कमजोरी, आँखों के रोग, सिरदर्द, दवाओं के कारण लीवर में कमजोरी, पेट फूलना, अफारा, उलटी, वायु रोग, दस्त, मानसिक रोग, मोटापा आदि रोग सिर्फ दूध से ठीक हो जाते हैं. इसके अलावा दूध एक अच्छा इम्युनिटी बूस्टर भी है.

दूध और शहद के फायदे

दूध को शहद के साथ लेना बहुत गुणकारी होता है. दूध के साथ शहद कई रोगों में फायदा भी देता है. शहद एक प्रीबायोटिक खाद्यपदार्थ है. इसका नियमित सेवन पाचन को बेहतर बनाता है, आंतों की सूजन कम करता है और मरोड़ जैसी समस्याओं को दूर करता है. दिन में एक बार ठन्डे दूध में शहद डालकर पीने से शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढती है. दूध में शहद डालकर पीने से त्वचा चमकदार बनती है. दूध में शहद डालकर पीने से हड्डियों के रोग दूर होते हैं और हड्डियाँ मजबूत बनती हैं. इसके अलावा भी दूध और शहद के अनेक फायदे हैं.

दूध पीने का सही तरीका क्या है

स्वस्थ व्यक्ति को ऊपर बताये नियम के अनुसार दिन भर में 10 से 12 बार नियत मात्रा में दूध पीना चाहिए. रात्रि को सोते समय एक गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी तथा 2 ग्राम दालचीनी का पाउडर डालकर उबाल लेना चाहिए. जब पानी उबलकर एक कप रह जाये और हल्दी व दालचीनी खुशबू देने लगे, तब नियत मात्रा में दूध डालकर फिर से पकाना चाहिए. जब दूध अच्छी तरह पक जाये, तब उसमे गुड या शक्कर मिलाकर प्रकृति के अनुसार गर्म या ठंडा पीना चाहिए.

दूध के साथ क्या नहीं खाना चाहिए

दूध पीने के उपरोक्त नियमों के अतिरिक्त यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दूध के साथ कुछ पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. कुछ पदार्थों के गुण दूध के गुणों से भिन्न होते हैं.  केला, जामुन, अन्नानास, नारंगी, संतरा आदि फलों के साथ दूध नहीं पीना चाहिए. कोदो, मोठ, कुलथी आदि अन्न के साथ भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. मूली, धनिये की चटनी, लहसुन, उड़द की डाल, दही, मट्ठा, इमली, आम का अचार आदि के साथ दूध नहीं पीना चाहिए. ये खाद्य पदार्थ दूध की सात्विकता और गुणों को नष्ट कर देते हैं.

दूध पीने से क्या नुकसान होते हैं

दूध एक सम्पूर्ण खाद्य है. इसमें सारे पोषक तत्व होते हैं, जो मनुष्य के शरीर का पोषण करते हैं. यदि दूध को विरुद्ध खाद्य पदार्थों के साथ सेवन न किया जाये और नियत मात्रा में समय पर ही सेवन किया जाये, तो दूध कभी भी नुकसान नहीं करता है. अतः यह कह सकते हैं कि दूध पीने के फायदे तो बहुत सारे हैं और नुकसान नगण्य.

यह भी पढ़ें :

आयुर्वेदिक औषधियां महँगी क्यों होती हैं

औषधि द्वारा शरीर की सफाई कैसे होती है

इन चीज़ों के लड्डू हैं असली इम्युनिटी बूस्टर

पार्किन्सन दूर करने के 3 चरण

Healthnia