सहजन खाएंगे तो बुढ़ापा रहेगा दूर | सहजन के फायदे

सहजन एक ऐसा पेड़ है, जिसका हर हिस्सा बेहद गुणकारी है। इसका तना, इसके पत्ता, इसकी छाल, इसके फूल, इसके फल और इसके बाकी हिस्से भी जबरदस्त फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में सहजन को अमृत वृक्ष कहा गया है। आइये जानते हैं सहजन के फायदे और गुण –

सहजन के औषधीय गुण

  • सहजन में लौह तत्व होता है। इसलिए सहजन रक्त संबंधी समस्याओं के लिए लाभकारी है।
  • सहजन गरम होता है, इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से सर्दी से होने वाली बीमारियाँ दूर रहती हैं।’

वात रोग में सहजन के फायदे

जो लोग कमर दर्द, घुटने का दर्द, जोड़ों में दर्द से हमेशा ग्रस्त रहते हैं, वे सहजन अवश्य खाएं। यदि नियमित रूप से सहजन का सेवन किया जाए, तो वात की वजह से होने वाले सभी दर्द 3-4 महीने में ठीक हो जाते हैं।

पेट रोगों में सहजन के फायदे

यदि आप पेट की समस्याएं जैसे आंतों में सूजन, कब्ज, गैस, कमजोर पाचन आदि से जूझ रहे हैं, तो सहजन का सेवन आपको इन समस्याओं में भी लाभ देगा। सहजन में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। इससे यह मेटाबोलिस्म को ऐक्टिव करके पाचन क्रिया को सुधारता है। जिससे पेट की उपरोक्त समस्याएं ठीक होने लगती हैं।

आँखों के लिए सहजन के फायदे

सहजन में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ए आँखों के लिए बहुत आवश्यक है। सहजन में प्रत्येक 100 ग्राम में 5 mg तक विटामिन ए पाया जाता है। सहजन के इस्तेमाल से आँखों के विभिन्न रोग जैसे आँखों पर चश्मा चढ़ना, मोतियाबिंद, रतौंधी आदि रोग ठीक होने लगते हैं।

मानसिक कमजोरी में सहजन के फायदे

बहुत से लोगों को तनाव के कारण सिर दर्द और आँखों में कमजोरी, अत्यधिक गुस्सा आदि की समस्या होने लगती है। यह समस्या अधिक बढ़ने पर मानसिक कमजोरी और पर्किनसन में बदल जाती है। सहजन में प्रचुर मात्रा में फास्फोरस और कैल्शियम होता है। सहजन के नियमित सेवन से शरीर फास्फोरस की पूर्ति होती है, जिससे मस्तिष्क संबंधी समस्याएं ठीक होती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और मेधा का विकास हहोता है।

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