कोरोना से हुए नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर को कैसे ठीक करें Treatment of Nervous System Disorders

कोरोना के अल्फ़ा और डेल्टा variant से लोगों के न सिर्फ फेफड़ों  को नुकसान पहुंचा, बल्कि उन्हें नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर (Nervous System Disorders) और ब्रेन डिसऑर्डर (Brain Disorder) भी हुए हैं. 40000 लोगों पर किये गए सर्वे में यह बात सामने आई है. सर्वे के दौरान उन लोगों के दिमाग को स्कैन किया गया, जिनका स्कैन का रिकॉर्ड पहले से मौजूद था. स्कैन में पाया गया कि कोरोना के मरीजों के दिमाग के कुछ हिस्से सिकुड़ गए हैं, या उनमें सूजन आ गयी है.. ये दिमाग के वे हिस्से हैं, जिनसे दिमाग में स्वाद, गंध, विवेक और स्मृति पर नियंत्रण होता है. ये लक्षण कोरोना के हलके लक्षणों वाले मरीजों में भी पाए गए. सर्वे के दौरान पाया गया कि वे लोग छोटी छोटी बातें भूल रहे हैं और उनकी एकाग्रता कम हुई है. कुछ केसों में तो मरीज़ कोमा वाली स्थिति में पहुँच गए. इससे सर्वे करने वाली टीम ने यह नतीजा निकाला कि कोरोना से मस्तिष्क के केन्द्रीय नर्वस सिस्टम और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर असर हुआ है.

कोरोना के बाद नर्वस सिस्टम में बढ़ा डिसऑर्डर

वैसे तो 30 की उम्र के बाद दिमाग हल्का सा सिकुड़ने लग जाता है. लेकिन कोरोना ने इस सिकुडन को अधिक बढ़ा दिया है. इसके लोगों में बेचैनी, याददाश्त में कमी आदि समस्याएं आम हो गयी है. कोरोना ने न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुँचाया, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों, खासकर दिमाग को खासा नुकसान पहुँचाया है. कोरोना के हलके लक्षण वाले मरीजों में भी नसों में दर्द, असमय पसीना आना, गर्मी महसूस होना, हाथ पैर सुन्न होना, अनियंत्रित रक्त दाब (Blood Pressure) जैसे छोटे लक्षणों के साथ पार्किन्संस, अल्जाइमर्स, डिमेंशिया जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं. इसके अलावा नर्वस सिस्टम में न्यूरोन, ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड में भी समस्याएँ दिखने लगती हैं. कई बार मुंह और गला सूख जाता है और बेचैनी भी होने लगती है. नींद न आने की समस्या भी कोरोना के बाद बढ़ गयी हैं.

ब्रेन और नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर का इलाज How to treat Nervous System Disorders

ब्रेन की बीमारियों में सबसे अधिक लाभ प्राणायाम और ध्यान से होता है. कुछ ऐसे प्राणायाम हैं, जिनको करने से दिमाग पर नियंत्रण वापस आने लगता है. ब्रेन डिसोर्डर में सभी आसन व प्राणायाम धीरे-धीरे किये जाते हैं.

सूर्या नमस्कार – वजन घटने में मदद करता है शरीर को डेटोक्स करता है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है. पाचन तंत्र बेहतर होता है  शरीर का ऊर्जा का स्तर बना रहता है तथा इम्युनिटी बढती है. फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचती है. वजन घटाने में मदद मिलती है.

अनुलोम विलोम – आधा-आधा घंटा सुबह शाम अनुलोम विलोम करने से  स्ट्रेस, पार्किन्सन और सभी दिमागी बीमारियों में लाभकारी होता है.

कपालभाति – आधा-आधा घंटा सुबह-शाम  धीरे-धीरे कपालभाति करने से पेट की सारी गड़बड़ियाँ ठीक होती हैं और मस्तिष्क में खून का प्रवाह बढ़ जाता है.

शीर्षासन – सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम ठीक होता है. याददाश्त बढती है. चेहरे पर चमक आती है. दिमाग में खून का संचार तेज होता है. ब्लड प्रेशर अधिक होने पर शीर्षासन नहीं करना चाहिए.

सर्वांगासन – तनाव और चिंता दूर करता है. एकाग्रता बढती है. मेमोरी बढती है सिरदर्द को ठीक करता है एकाग्रता को बढाता है

मर्कटासन – मस्तिष्क से जुड़े सारे तंत्र को ठीक करता है मेरुदंड को ठीक करता है

ताड़ासन व तिर्यक ताड़ासन – ब्रेन और नर्वस तंत्र को ठीक करता है.

भ्रामरी उद्गीत – मस्तिष्क की नाड़ियों को खोलता है तथा प्राण शक्ति बढाता है

शीतली प्राणायाम – मन एकाग्र होता है और बेचैनी दूर होती है.

कोरोना से हुए ब्रेन डिसऑर्डर के लिए खानपान कैसा हो?

कोरोना के बाद ब्रेन डिसऑर्डर के बाद खान-पान में बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है. ब्रेन डिसऑर्डर वाले मरीज़ खाने में पौष्टिक और ताजा आहार लें और सलाद, अंकुरित चना और दालों का प्रयोग अधिक करें. इसके अलावा वे निम्न उपाय भी कर सकते हैं –

    • रात को बादाम और अखरोट भिगो कर सुबह उनको पीसकर खा लें. (अखरोट मंगाने के लिए यहाँ क्लिक करें).
    • बादाम रोगन दूध में डाल कर पी लें या रात को सोते समय नाक में डाल लें.
    • गेहूं के ज्वारे का जूस, एलोवीरा का जूस, गिलोय का जूस और लौकी का जूस  उन लोगों के लिए लाभप्रद है जिनमें कोरोना या किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए खायी गयी दवाइयों के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं.
    • जीरा, धनिया, सौंफ –  एक-एक चम्मच रात को भिगो दें और सुबह खाली पेट इनका पानी पी लें. इससे पाचनतंत्र की शुद्धि होकर रक्त साफ होता है और इम्युनिटी बढती है.

उपरोक्त उपाय अगर स्वस्थ रहते किये जाएँ, तो कोरोना होने पर ब्रेन डिसऑर्डर से तो बच ही सकते हैं, साथ ही दिमाग तेज कर अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं

नर्वस सिस्टम और ब्रेन डिसऑर्डर की आयुर्वेदिक दवा

ब्रेन डिसऑर्डर के पुराने रोगी स्वर्ण भस्म 100 mg, रजत (चांदी की भस्म) – 2 gm  और मोती पिष्टी – 4 gm लेकर 60 पुडिया बना लें. इसको सुबह शाम एक-एक पुडिया शहद से, मलाई से, दूध से या पानी से लें. दिमाग के पुराने और असाध्य रोग भी इससे ठीक हो जाते हैं. हलके दिमागी लक्षणों में मेधा वटी और चंग्रप्रभा वटी लेने से लाभ होता है.

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